Progress:73.2%
प्राणायामं सगर्भं च प्रथमं कथयामि ते । सुखाऽऽसने चोपविश्य प्राङ्मुखो वाऽप्युदङ्मुखः । ध्यायेद्विधिं रजोगुणं रक्तवर्णमवर्णकम् ॥५-४८॥
sanskrit
अब मैं पहले सगर्भ प्राणायाम की विधि को कहता हूँ । पहले साधक को किसी भी सुखासन में बैठकर पूर्व या उत्तर दिशा की ओर अपना मुख रखना चाहिए । इसके बाद उसे रजोगुण की प्रधानता वाले लाल रंग से युक्त ‘अकार’ बीजमन्त्र का ध्यान करना चाहिए ।
english translation
hindi translation
prANAyAmaM sagarbhaM ca prathamaM kathayAmi te | sukhA''sane copavizya prAGmukho vA'pyudaGmukhaH | dhyAyedvidhiM rajoguNaM raktavarNamavarNakam ||5-48||
hk transliteration
Gherand Samhita
Progress:73.2%
प्राणायामं सगर्भं च प्रथमं कथयामि ते । सुखाऽऽसने चोपविश्य प्राङ्मुखो वाऽप्युदङ्मुखः । ध्यायेद्विधिं रजोगुणं रक्तवर्णमवर्णकम् ॥५-४८॥
sanskrit
अब मैं पहले सगर्भ प्राणायाम की विधि को कहता हूँ । पहले साधक को किसी भी सुखासन में बैठकर पूर्व या उत्तर दिशा की ओर अपना मुख रखना चाहिए । इसके बाद उसे रजोगुण की प्रधानता वाले लाल रंग से युक्त ‘अकार’ बीजमन्त्र का ध्यान करना चाहिए ।
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prANAyAmaM sagarbhaM ca prathamaM kathayAmi te | sukhA''sane copavizya prAGmukho vA'pyudaGmukhaH | dhyAyedvidhiM rajoguNaM raktavarNamavarNakam ||5-48||
hk transliteration