चिकित्सितस्थान के अध्याय – चिकित्सितस्थान के अध्यायों की गणना की जा रही है- १. ज्वर, २. रक्तपित्त, ३. कास, ४. श्वासहिक्का, ५. राजयक्ष्मादि, ६. छर्दिहृद्रोगतृष्णा, ७. मदात्ययादि, ८. अर्शसां चिकित्सित, ९. अतिसार, १०. ग्रहणीरोग, ११. मूत्राघात, १२. प्रमेह
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cikitsitaM jvare rakte kAse zvAse ca yakSmaNi | vamau madAtyaye'rzaHsu, vizi dvau dvau ca mUtrite ||
कल्प - सिद्धिस्थान के अध्याय –— कल्प - सिद्धिस्थान के अध्यायों की गणना की जा रही है— १. वमनकल्म, २. विरेचनकल्प, ३. वमनविरेचनसिद्धि, ४. बस्तिकल्प, ५. बस्तिव्यापत्सिद्धि तथा ६. भेषजकल्प। ये अध्याय कल्प- सिद्धिस्थान में हैं I
उत्तरस्थान के अध्याय — उत्तरस्थान के अध्यायों की गणना की जा रही है — १. बालोपचरणीय, २. बालामयप्रतिषेध, ३. बालग्रहप्रतिषेध, ४. भूतविज्ञानीय, ५. भूतप्रतिषेध
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- ata uttaram | bAlopacAre tadvyAdhau tadgrahe, dvau ca bhUtage ||45||