विकृतिर्दूतजं षष्ठं— शारीरस्थान के अध्याय - शारीरस्थान के अध्यायों की गणना की जा रही है- १. गर्भावक्रान्ति, २. गर्भव्यापद्, ३. अङ्गविभाग, ४. मर्मविभागीय, ५. विकृतिविज्ञानीय तथा ६. दूतादिविज्ञानीय। ये अध्याय शारीरस्थान में हैं ॥ ३९ ॥
निदानस्थान के अध्याय — निदानस्थान के अध्यायों की गणना की जा रही है — १. सर्वरोगनिदान, २. ज्वरनिदान, ३. रक्तपित्तकासनिदान, ४. श्वासहिक्कानिदान, ५. राजयक्ष्मानिदान, ६. मदात्ययनिदान, ७. अर्शोनिदान, ८. अतिसारग्रहणीरोगनिदान