इमां विद्यां पुरा कश्चित्कौशिको धारयन् द्विजः । योगधारणया स्वाङ्गं जहौ स मरुधन्वनि ।। ६-८-३८ ।।
O King of heaven, a brāhmaṇa named Kauśika formerly used this armor when he purposely gave up his body in the desert by mystic power. ।। 6-8-38 ।।
english translation
हे देवेन्द्र! प्राचीन काल में कौशिक नाम के एक ब्राह्मण ने इस कवच का प्रयोग किया और उसने अपने योगबल से मरुभूमि में जान बूझ कर अपना शरीर त्याग दिया। ।। ६-८-३८ ।।