इस अर्थसञ्चय में भी फिर न मिलने वाले को प्राप्त कर लेना चाहिये। उस समय की अपेक्षा से जो अर्थ फिर हाथ न आये, उसे प्राप्त कर लेना चाहिये, यह विशेष लाभ है ॥ २२ ॥
इस अर्थसञ्चय में भी फिर न मिलने वाले को प्राप्त कर लेना चाहिये। उस समय की अपेक्षा से जो अर्थ फिर हाथ न आये, उसे प्राप्त कर लेना चाहिये, यह विशेष लाभ है ॥ २२ ॥