मणिभूमिकां वृक्षवाटिकां मृद्वीकामण्डपं समुद्रगुहप्रासादान् गूढभित्तिसञ्चारांश्चित्रकर्माणि क्रीडामृगान् यन्त्राणि शकुनान् व्याघ्रसिंहपज्ञ्जरादीनि च यानि पुरस्ताद्वर्णितानि स्युः ।। १६ ।।
She lets her admire the floors of precious mosaic [manibhumika], shady gardens, bowers of flowering lianas, chambers formed like sea grottoes, mazes [gudhabhitti sanchara], rooms covered with fresco paintings, tame deer, chained falcons, caged lions and tigers, etc., of which she had only heard tell.
english translation
मणिकुट्टिम फर्श, वृक्षवाटिकाएँ, अंगूर की लताओं से बना मण्डप, समुद्रगृह (अण्डरग्राउण्ड भवन) जिसमें गुप्त मार्गों से पानी आता जाता हो, चित्रशाला, क्रीड़ामृग, यन्त्रचालित कौतुक जो निर्जीव होते हुए भी सजीव से लगते हों, विभिन्न प्रकार के पक्षी, पिंजड़ों में बद्ध शेर, चीते आदि जो भी पहले कह रखा हो, सभी दिखाये ॥ १६ ॥
hindi translation
maNibhUmikAM vRkSavATikAM mRdvIkAmaNDapaM samudraguhaprAsAdAn gUDhabhittisaJcArAMzcitrakarmANi krIDAmRgAn yantrANi zakunAn vyAghrasiMhapajJjarAdIni ca yAni purastAdvarNitAni syuH || 16 ||
और सम्प्रयोग में राजा के कलाकौशल का भी वर्णन करे अर्थात् राजदासी उस स्त्री को यह अवश्य बताये कि राजा चौंसठ कामकलाओं में निपुण है जिससे उसका हृदय समागम हेतु उत्कण्ठित हो जाये ॥ १८ ॥
अप्रतिपद्यमानां स्वयमेवेश्वर आगत्योपचारैः सान्त्वितां रज्जयित्वा सम्भूय च सानुरागं विसृजेत् ॥ २० ॥
If the messenger does not succeed in convincing her, the king himself comes to her politely and, having seduced her, then sends her away with kindly words.
english translation
राजदासी की असफलता पर राजा का कर्तव्य-यदि वह स्त्री राजदूती की बात न माने और समागम हेतु तैयार न हो, तो राजा स्वयं आकर उपचारों द्वारा उसे शान्त करे एवं अनुरक्त करे। तत्पश्चात् समागम करके उसे प्रेमपूर्वक विदा कर दे॥ २० ॥