यद्येषोपरता देवी माया वैशारदी मतिः । सम्पन्न एवेति विदुर्महिम्नि स्वे महीयते ।। १-३-३४ ।।
With the illusory energy subsided one is endowed with the full knowledge of enlightenment, so that one thus being mindful will be situated in one's own glory. ।। 1-3-34 ।।
english translation
यदि माया का शमन हो जाता है और यदि भगवत्कृपा से जीव ज्ञान से सम्पन्न हो जाता है, तो उसे तुरन्त आत्म-साक्षात्कार का प्रकाश प्राप्त होता है और वह अपनी महिमा में प्रतिष्ठित (महिमामण्डित) हो जाता है। ।। १-३-३४ ।।