त्रिरात्रमवचनं हि स्तम्भमिव नायकं पश्यन्ती कन्या निर्विद्येत परिभवेच्च तृतीयामिव प्रकृतिम् । इति बाधवीयाः ॥ ३ ।।
According to the Babhravyas, if, during the first three nights, the girl sees the boy lying like a corpse, without talking to her, she may imagine that he is homosexual, belonging to the third nature.
english translation
कोमल उपचारों का कारण प्रथम तीन रात्रियों में यदि पति स्तम्भ के समान जड़ बना रहे, न तो रससिक्त वार्तालाप ही करे और न मधुर स्पर्श ही, तो नववधू दुःखी होती है, और उसे ग्राम्य एवं नपुंसक समझकर उसका तिरस्कार कर डालती है ऐसा आचार्य बाभ्रव्य के अनुयायियों का मत है ॥ ३ ॥