दैवनिमित्तशकुनोपश्रुतीनामानुलोम्येन कन्या वरयेद्दद्याच्च ॥ ८ ॥
It is only after having established the concordance of the signs of destiny, the moments, omens, and the position of the stars, that the girl may be given in marriage.
english translation
कन्यापक्ष और वरपक्ष दोनों को चाहिये कि विवाह सम्बन्ध निश्चित करने से पूर्व वर और कन्या- दोषों के ग्रहनक्षत्रों को देख लें, निमित्त और शकुन देख लें और अर्धरात्रि की अनुकूल उपश्रुति ग्रहणकर, दोनों का ग्रन्थि बन्धन करें ॥ ८ ॥