कृत्वापि चोच्चसम्बन्धं पश्चाज्ज्ञातिषु सन्नमेत् । न त्वेव हीनसम्बन्धं कुर्यात् सद्भिर्विनिन्दितम् ॥ २४ ॥
Whoever marries someone richer becomes inferior in the home. Neither should one marry anyone inferior. Such unions are condemned by the sages.
english translation
उच्च और हीन सम्बन्धों में उच्च श्रेष्ठ–उच्च कुल की कन्या से विवाह करके, उसे अपने बन्धु बान्धों में ले आये, श्वसुर के घर ही न पड़ा रहे, किन्तु सज्जनों द्वारा निन्दित होन सम्बन्ध को तो कदापि न करे ॥ २४ ॥