Ashtavakra Gita
एकस्मिन्नव्यये शान्ते चिदाकाशेऽमले त्वयि। कुतो जन्म कुतो कर्म कुतोऽहंकार एव च॥१५- १३॥
इस अव्यय, शांत, चैतन्य, निर्मल आकाश में तुम अकेले ही हो, अतः तुममें जन्म, कर्म और अहंकार की कल्पना किस प्रकार की जा सकती है॥१३॥
english translation
ekasminnavyaye zAnte cidAkAze'male tvayi। kuto janma kuto karma kuto'haMkAra eva ca॥15- 13॥
hk transliteration by Sanscript1.
प्रकरण १
prakaraNa 1
2.
प्रकरण २
prakaraNa 2
3.
प्रकरण ३
prakaraNa 3
4.
प्रकरण ४
prakaraNa 4
5.
प्रकरण ५
prakaraNa 5
6.
प्रकरण ६
prakaraNa 6
7.
प्रकरण ७
prakaraNa 7
8.
प्रकरण ८
prakaraNa 8
9.
प्रकरण ९
prakaraNa 9
10.
प्रकरण १०
prakaraNa 10
11.
प्रकरण ११
prakaraNa 11
12.
प्रकरण १२
prakaraNa 12
13.
प्रकरण १३
prakaraNa 13
14.
प्रकरण १४
prakaraNa 14
प्रकरण १५
prakaraNa 15
16.
प्रकरण १६
prakaraNa 16
17.
प्रकरण १७
prakaraNa 17
18.
प्रकरण १८
prakaraNa 18
19.
प्रकरण १९
prakaraNa 19
20.
प्रकरण २०
prakaraNa 20
एकस्मिन्नव्यये शान्ते चिदाकाशेऽमले त्वयि। कुतो जन्म कुतो कर्म कुतोऽहंकार एव च॥१५- १३॥
इस अव्यय, शांत, चैतन्य, निर्मल आकाश में तुम अकेले ही हो, अतः तुममें जन्म, कर्म और अहंकार की कल्पना किस प्रकार की जा सकती है॥१३॥
english translation
ekasminnavyaye zAnte cidAkAze'male tvayi। kuto janma kuto karma kuto'haMkAra eva ca॥15- 13॥
hk transliteration by Sanscript